ज्वार की फसल से संबन्धित प्रश्न
ज्वार की खेती
1. वनस्पतिक नाम – सोरघम वल्गेयर ( Sorghum Vulgate )
2. कुल – ग्रेमिनी ( घास वर्ग )
3. उत्पत्ति – अफ्रीका ( डी कंडोल 1884 तथा हुकर 1897 के अनुसार )
4. भारत में – वर्थ 1937 व अन्य वैज्ञानिक के अनुसार अफ्रीका के साथ साथ भारत भी है |
क्षेत्र –
विश्व में ज्वार उगाने वाले देश ( उत्तर एवं अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका , रूस, अफ्रीका, चीन, भारत , ईरान, तुर्कस्थान, कोरिया और आस्ट्रेलिया आदि |
भारत में –
लगभल सभी राज्यो में पाया जाता है सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि प्रधान प्रदेश है |
उत्तर प्रदेश –
झाँसी, हमीरपुर, जालौन, बांदा , फतेपुर, इलाहाबाद, फ़र्रुखाबाद, मथुरा एवं हरदोई आदि |
· इसे मोटे अनाजों का राजा कहते है |
· रोटी खाने से पेलाग्र रोग होता है |
· HCN नामक जहरीला रसायन बनता है |
· HCN नामक जहरीला रसायन सबसे ज्यादा इसकी नयी पत्तियों में पायी जाती है |
इसका प्रयोग मनुष्य व पशुओ दोनों के काम आता है ,
ज्वार से दो चीजे प्राप्त होती है
· ज्वार
· चारा
1. ज्वार – इसको बिभिन्न रूपो में प्राप्त किया जाता है |
मोटे अनाजों के रूप में, रोटी , उवाल कर खाया जाता है |
दक्षिण भारत में विशेष रूप से इसे दाने के लिए खेती की जाती है |
2 चारा – बिभिन्न रूप में प्रयोग करते है |
साइलेज
हारा चारा
सूखा चारा आदि बनाते है |
ज्वार से हमे प्राप्त होता है -
दानो से – अल्कोहल, वियर, चीनी आदि |
खेती करने के लिए –
मिट्टी –
बलुई दोमट, येसी भूमि जहा जल निकास का अच्छा प्रबंध हो |
बुआई का समय –
खरीफ की फसल –
जून के अंतिम सप्ताह में और जुलाई के प्रथम सप्ताह में
रबी की फ़सल –
अक्तूबर से नवम्बर – कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में रबी की फसल ली जाती है |
बीज़-
12-15 kg /ha
बीज शोध –
थीरम या किसी अन्य रसायन से शोधित करे | इससे फसल में कंडुआ रोग नहीं लगता है |
उर्वरक/खाद –
संकर प्रजाति के लिए - 80:40:20 kg
अन्य प्रजाति के लिए - 40:20:20 kg / ha
नत्रजन, फास्फोरस, पोटास NPK
खरपतवार –
निराई गुड़ाई से निकाले ( बुबाई के तीन सप्ताह बाद )
या रसायन का प्रयोग करे |
फसल सुरक्षा कीट –
1. ज्वार की परोह मक्खी ( शूट फ्लाई )
2. तनाछेदक कीट ( सूँडी ताना छेड़ कर खाती )
3. इयर हेड मिज ( यह पुष्प पीआर अंडे देती है )
4. इयर हेड कैटर पिलर (मुलायम दानो को खाकर नष्ट कर देते है )
5. ज्वार का माइट पत्तियों के निचले स्तर पर जाल बनाकर अंदर घुस कर रस चूसती है
कीट के लिय इंडोसल्फान रसायन का प्रयोग करे |
आलोक वर्मा
(एमएससी एजी, एम एड )
www.researchonagronomy.in