आधुनिक मनोविज्ञान के विकास की प्रमुख घटनाएँ
भारत में
मनोविज्ञान
भारत में मनोविज्ञान की स्थिति आज पहले की अपेक्षा बहुत संतोषजनक है। भारतीय
विश्वविद्यालयों में मनोविज्ञान की शिक्षा साधारणतया दर्शनशास्त्र तथा शिक्षाशास्त्र
के अध्यापकों द्वारा ही दी जाती रही है। इसका परिणाम एक तो यह हुआ कि दर्शन की
चिंतन विधि को स्थानांतरित करने में प्रयोगात्मक पद्धति को काफी संघर्ष करना पड़ा
और दूसरे शिक्षाशास्त्र के प्रभाव के कारण मनोविज्ञान की मूल समस्याओं पर शोधकार्य
होने के बजाय "शिक्षा में मनोविज्ञान का उपयोग" विषयक समस्याएँ ही
विद्वानों का ध्यान आकर्षित करती रहीं। किंतु आज अधिकतर विश्वविद्यालयों में
मनोविज्ञान में ही प्रशिक्षित अध्यापक मनोविज्ञान की प्रयोगशालाओं में काम कर रहे
हैं। कोलकाता विश्वविद्यालय में सबसे पहले १९१६ में मनोविज्ञान विभाग की स्थापना
हुई थी।भारत की प्रथम मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना नरेन्द्रनाथ सेनगुप्ता ने
किया
आधुनिक मनोविज्ञान के विकास की प्रमुख घटनाएँ
1. 1879 विलहम वुण्ट ने जर्मनी के लिपशिग में प्रथम मनोविज्ञान प्रयोगशाला को स्थापित
किया।
2. 1890 विलियम जेम्स ने ‘प्रिंसिपल ऑफ साइकोलॉजी’ प्रकाशित की।
3. 1895 मनोविज्ञान की एक व्यवस्था के रूप में प्रकार्यवाद की स्थापना।
4. 1900 सिगमंड फ्रायड ने मनोविश्लेषणवाद का विकास किया।
5. 1904 इवान पावलव को पाचन व्यवस्था के कार्य के लिए नोबल पुरस्कार मिला जिससे
अनुक्रियाओं के विकास के सिद्धांत को समझा जा सका।
6. 1905 बीने एवं साइमन द्वारा बुद्धि परीक्षण का विकास।
7. 1916 कलकत्ता विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान का प्रथम विभाग खुला।
8. 1920 जर्मनी में गेस्टाल्ट मनोविज्ञान का उदय हुआ।
9. 1922 मनोविज्ञान को इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन में सम्मिलित किया गया।
10. 1924 भारतीय मनोवैज्ञानिक संघ की स्थापना हुई।
11. 1924 जॉन बी. वाट्सन ने व्यवहारवाद पुस्तक लिखी जिससे व्यवहारवाद की नींव पड़ी।
12. 1928 नरेन्द्रनाथ सेनगुप्त एवं राधाकमल मुकर्जी ने सामाजिक मनोविज्ञान की प्रथम
पुस्तक लिखी (लंदन: एलन और अनविन) ।
13. 1949 'डिफेंस साइंस आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया' में मनोवैज्ञानिक शोध खण्ड
की स्थापना।
14. 1951 मानववादी मनोवैज्ञानिक कार्ल रोजर्स ने रोगी-केंद्रित चिकित्सा प्रकाशित की।
15. 1953 बी.एफ. स्किनर ने ‘साइंस एंड ह्यूमन बिहेविअर’ प्रकाशित की जिससे व्यवहारवाद
को मनोविज्ञान के एक प्रमुख उपागम के रूप में बढ़ावा मिला।
16. 1954 मानववादी मनोवैज्ञानिक अब्राहम मैस्लो ने ‘मोटिवेशन एंड पर्सनॉलटी’ प्रकाशित
की।
17. 1954 इलाहाबाद में मनोविज्ञानशाला की स्थापना।
18. 1955 बंगलौर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस की स्थापना।
19. 1962 रांची में 'हॉस्पिटल फॉर मेंटल डिशीशिज' की स्थापना।
20. 1973 कोनराड लारेंश तथा निको टिनबर्गेन को उनके कार्य पशु व्यवहार की उपजाति
विशिष्टता की अंतर्निर्मित शैली जो बिना किसी पूर्व अनुभव अथवा अधिगम के होती है, पर नोबल पुरस्कार मिला।
21. 1978 निर्णयन पर किए गए कार्य के लिए हर्बर्ट साइमन को नोबल पुरस्कार प्राप्त।
22. 1981 डेविड ह्यूबल एवं टार्स्टेन वीसल को मस्तिष्क की दृष्टि कोशिकाओं पर शोध के
लिए नोबल पुरस्कार प्राप्त।
23. 1981 रोजर स्पेरी को मस्तिष्क विच्छेद अनुसंधान के लिए नोबल पुरस्कार प्राप्त।
24. 1989 'नेशनल अकेडमी ऑफ साइकोलॉजी इंडिया' की स्थापना।
25. 1997 गुड़गाँव,
हरियाणा में नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर की स्थापना।
26. 2002 अनिश्चितता में मानव निर्णयन के अनुसंधान पर डेनियल कहनेमन को नोबल पुरस्कार
मिला।
27. 2005 आर्थिक व्यवहार में सहयोग एवं द्वंद्व की समझ में खेल सिद्धांत के अनुप्रयोग
के लिए थामस शेलिंग को नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ।