फिल्म प्रभाग film division, भारत का राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार

वृत्तचित्र, समाचार पत्रिका तथा एनिमेशन फिल्मों के विषय कला संस्कृति, उद्योग, राष्ट्रीय घटनाएँ, पर्यावरण, परिवार कल्याण से लेकर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी तक होते हैं। वृत्तचित्र, लघु तथा एनिमेशन फिल्मों के लिए मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (एमआईएफएफ) का जन्म हुआ। भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से इसका आयोजन किया जाता है। मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह की शुरुआत 1990 में हुई।

 

फिल्म लाइब्रेरी अनुभाग

फिल्म प्रभाग की लाइब्रेरी भारत के समकालीन इतिहास और इसकी समृद्ध विरासत तथा कलात्मक परंपराओं की मूल्यवान अभिलेखीय सामग्री का खजाना है। विश्वभर के फिल्म निर्माताओं में इसकी बड़ी माँग है। स्टॉक फुटेज बिक्री के जरिए राजस्व देने के अतिरिक्त ये सेवाएँ प्रदान कर फिल्म निर्माण के लिए महत्वपूर्ण फुटेज जुटाती है। फिल्म लाइब्रेरी का कुल संग्रह 8200 शीर्षकों के लगभग 1.9 लाख आयटम का है, जिनमें मूल पिक्चर निगेटिव, 16 एमएम प्रिंट, लाइब्रेरी प्रिंट आदि शामिल हैं। फिल्मों को अभिलेखीय मूल्यांकन के आधार पर सर्वाधिक मूल्यवान व सामान्य फिल्मों में वर्गीकृत किया गया है। सर्वाधिक मूल्यवान वर्ग की 1239 फिल्मों को हाई डेफिनेशन फार्मेट में पुनः संग्रहीत किया गया है तथा 7403 फिल्मों को स्टैंडर्ड डेफिनेशन फार्मेट पर रूपांतरित किया गया है। यह लाइब्रेरी यूजर फ्रेंडली कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम पर आधारित है।

 

केंद्रीय चलचित्र प्रमाणन बोर्ड

सिनेमेटोग्राफ अधिनियम 1952 के तहत स्थापित केंद्रीय चलचित्र प्रमाणन बोर्ड, भारत में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिल्मों का प्रमाणन करता है। बोर्ड में एक अध्यक्ष और 25 अन्य गैर सरकारी अधिकारी होते हैं। बोर्ड का मुख्यालय मुंबई में है और इसके नौ क्षेत्रीय कार्यालय हैं। सलाहकार पैनल फिल्मों की जाँच में क्षेत्रीय कार्यालयों की सहायता करते हैं। इस पैनल में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल होते हैं।

 

राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड

राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड की स्थापना 1975 में हुई थी। वर्ष 1980 में भारतीय चलचित्र निर्यात निगम और फिल्म वित्त निगम के विलय के बाद इसका पुनर्गठन किया गया। इस निगम का मुख्य उद्देश्य भारत में सिनेमा की गुणवत्ता में सुधार लाना और श्रव्य-दृश्य तथा संबंधित क्षेत्रों में अति आधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करना है। निगम द्वारा स्थापित भारतीय सिने कलाकार कल्याण कोष भारतीय फिल्म उद्योग का सबसे बड़ा ट्रस्ट है।

 

फिल्म समारोह निदेशालय

इसकी स्थापना 1973 में की गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन इस निदेशालय का उद्देश्य, अच्छे सिनेमा को प्रोत्साहन देना है। इसमें अलग-अलग वर्गों के तहत गतिविधियाँ संचालित होती हैं।

 

ये वर्ग हैं

1. अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म समारोह।

2. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तथा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार।

3. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम तथा विदेशों में शिष्टमंडलों के जरिए भारतीय फिल्म प्रदर्शन का आयोजन।

4.भारतीय पनोरामा का चयन।

5.विदेशों में अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भाग लेना।

6.भारत सरकार की ओर से विशेष फिल्मों का प्रदर्शन।

7.प्रिंंट संग्रहण तथा अभिलेखन।

 

भारत का राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार

भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार की स्थापना फरवरी 1964 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन एक स्वतंत्र मीडिया इकाई के रूप में की गई। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सिनेमा की विरासत को भावी पीढ़ियों के लिए संजोकर रखने के लिए संबंधित सामग्री की खोज,अधिग्रहण और संरक्षण करना और विश्व सिनेमा का प्रदर्शक संचयन करना। अभिलेखागार के समृद्ध पुस्तकालय में विश्व भर के सिनेमा के बारे में प्रकाशित 25 हजार से अधिक पुस्तकें हैं। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्राप्त भारतीय और विदेशी फिल्मों की 30 हजार से अधिक पटकथाएँ भी अभिलेखागार में सुरक्षित हैं।

 

भारतीय बाल फिल्म समिति

इसकी स्थापना 1955 में बच्चों को फिल्मों के माध्यम से उच्च आदर्शों की प्रेरणा देने वाला मनोरंजन प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। समिति बच्चों की फिल्मों का निर्माण, संग्रहण, वितरण, प्रदर्शन और संवर्द्धन करती है। बाल फिल्म समिति का मुख्यालय मुंबई में है और नई दिल्ली तथा चेन्नई में इसकी क्षेत्रीय शाखाएँ हैं।

About Vishnu Nambiar

मैं विष्णु नांबियार हूं और मैं इस ब्लॉग का मालिक और मुख्य सामग्री लेखक हूं। मैं शिक्षा उद्योग में सभी नवीनतम अपडेट जैसे परीक्षा, कॉलेज, पाठ्यक्रम आदि साझा करता हूं। मैं केरल का एक प्रमाणित और पेशेवर करियर परामर्शदाता और ब्लॉगर हूं।

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