बुद्धि का अर्थ, कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ, बुद्धि पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

सामान्य बातचीत में बुद्धि शब्द का प्रयोग बहुतायत से किया जाता है। प्रायः ऐसा माना जाता है कि अमुक बालक की बुद्धि कॉफी तेज होती है। अमुक बालक साधारण बुद्धि का या मंद बुद्धि का होता है।

 

लेकिन बुद्धि क्या है? बुद्धि का कोई स्पष्ट परिभाषा न देकर इसका समानार्थी शब्द जैसे- ज्ञान,चतुर्य,श्रेष्ठता,मस्तिष्क आदि के द्वारा बुध्दि के अर्थ को समझना चाहते है। परन्तु बुद्धि शब्द का वास्तविक तथा मनोवैज्ञानिक अर्थ अत्यन्त व्यापक तथा जटिल है।

 

सर्वप्रथम फ़्रांसिस मनोवैज्ञानिक गाल्टन ने बुद्धि शब्द का प्रयोग किया था।बुद्धि क्या है? इस सम्बन्ध में मनोवैज्ञानिकों में सदैव मतभेद रहे है इस मतभेद को दूर करने के लिए समय-समय पर सभा होती रहती थी।

 

1910 में अंग्रेज मनोवैज्ञानिको की सभा हुई।और फिर1923 में विश्व में मनोवैज्ञानिकों की अंतर्राष्ट्रीय परिषद् हुई। तब सभी मनोवैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि बुद्धि की कोई भौतिक सत्ता नहीं है यह केवल अर्थ मात्र है। यह अमूर्ति होती है। इसे छूकर या देखकर नहीं समझा जा सकता है। इसे व्यक्ति के व्यवहार को देखकर ही समझा जा सकता है। जैसे- ईमानदार व्यक्ति से ईमानदारी परिलक्षित होती है तथा सुन्दर महिला के अवलोकन से सुंदरता का आभास होता है। उसी प्रकार से बुध्दिमान व्यक्ति के कार्य से बुद्धि का आभास होता है।

हम ईमानदारी व सुंदरता को न देखकर ईमानदार व्यक्ति या सुन्दर महिला को देखते है। उसी प्रकार हम बुद्धि को न देखकर बुद्धिमान व्यक्ति को देखते है।

 

1905 में एल्फ्रेड विने ने प्रथम सफल बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया और अपने ही परीक्षण का बार-बार संशोधन करने के बाद 1911 में बुद्धि को बोधपरख आधारित तथा उद्देश्यपूर्ण व सही निर्णय से निर्धारित होने वाली खोजपरखाता के रूप में स्पष्ट किया।

 

कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ

 

बोरिंग (1923) – “बुद्धि वही है जो बुद्धि परीक्षण मापता है”

बकिंघम – “सीखने की शक्ति ही बुद्धि है”

गाल्टन – “बुद्धि पहचानने तथा सीखने की शक्ति है”

टर्मन – “अमूर्त वस्तुओं के विषय में सोचने की योग्यता बुद्धि है”

 

बुद्धि की विशेषताएँ

 

·       बुद्धि अनेक प्रकार की क्षमताओं का योग होती है।

·       बुद्धि जन्मजात शक्ति है जो वंशानुक्रम से प्राप्त होती है।

·       बुद्धि सीखने की क्षमता है।

·       बुद्धि अतीत अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता है।

·       बुद्धि अनेक क्षमताओं का समूह है।

बुद्धि के प्रकार

गैरेट और थार्नडाइक ने बुद्धि के प्रकारको तीन वर्गों  में विभाजित किया है जो निम्न है –

1.  सामाजिक बुद्धि

2.  स्थूल बुद्धि या मूर्ति बुद्धि

3.  अमूर्त बुद्धि

सामाजिक बुद्धि

सामाजिक बुद्धि सेअभिप्राय व्यक्तियों को समझने तथा उनके साथ व्यवहार करने की योग्यता से है।

 

स्थूल बुद्धि या मूर्ति बुद्धि

 

स्थूल बुद्धि से तात्पर्य विभिन्न पहलुओं को समझने तथा तथा उनके प्रयोग करने की योग्यता से है। ऐसे लोग भौतिकवादी होते है प्रभावी व्यवस्थापक अथवा सफल व्यापारी बन सकते है। थार्नडाइक ने इसे गामक या यांत्रिक बुद्धि  कहा है।

 

अमूर्त बुद्धि

 

अमूर्त बुद्धि से अभिप्राय शाब्दिक तथा गणितीय संकेतो को समझने व प्रयोग करने की योग्यता से है। अमूर्त बुद्धि का सर्वोच्च रूप गणित व विज्ञान के सूत्रों व समीकरणों में तथा धार्मिक विचारों में परिलक्षित होता है। ऐसे बुद्धि वाले व्यक्ति प्रायः कलाकार,चिंतक,वैज्ञानिक,दार्शनिक,लेखक अथवा अध्यापक होते है।

 

बुद्धि को प्रभावित करने वाले कारक

 

1.  वंशानुक्रम

2.  वातावरण

3.  आयु

4.  प्रजाति

5.  लिंग

6.  स्वास्थ

बुद्धि के सिद्धांत 

बुद्धि के सिद्धांत से अभिप्राय बुद्धि के प्रकृति तथा संरचना के क्रमबध्द स्पस्टीकरण से है।

 

बुद्धि के सिद्धांत प्रतिपादक
एक कारक सिद्धांत बिने,टरमेन तथा स्टर्न
द्विकारक सिद्धांत स्पीयरमैन
त्रिकारक सिद्धांत  स्पीयरमैन
बहुकारक सिद्धांत थार्नडाइक
समूहकारक सिद्धांत थर्स्टन
बुद्धि संरचना सिद्धांत जे0पी0  गिलफोर्ड
तरल ठोस बुद्धि सिद्धांत आर0 वी0 कैटल
बहुबुद्धि संरचनासिद्धांत होर्बर्ड गार्डनर
पदानुक्रमित सिद्धांत फिलिप वर्नन

 

बुद्धि पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

 

बुद्धि शब्द का प्रयोग सबसे पहले किसने किया – हर्बर्ट स्पेन्सर,1895,

बुद्धि परीक्षण का निर्माण सबसे पहले किसने किया – एल्फ्रेड बिने

बुद्धि कितने प्रकार के होते है – तीन प्रकार (सामाजिक बुद्धि,मूर्ति बुद्धि तथा अमूर्ति बुद्धि )

बुद्धि को प्रभावित करने वाले कारक – लिंग,वातावरण,वंशानुक्रम,आयु,प्रजाति आदि ।

बुद्धि के एक कारक का सिद्धान्त किसने दिया – बिने,टरमेन तथा स्टर्न

बुद्धि के बहुकारक का सिद्धान्त किसने दिया – थार्नडाइक

बुद्धि के समूहकारक का सिद्धान्त किसने दिया – थर्स्टन

बुद्धि का त्रियामी सिद्धान्त किसने दिया – गिल्फोर्ड

बुद्धि-लब्धि का सुझाव सर्वप्रथम किसने और कब दिया – विलियम स्टर्न,1912

बुद्धि-लब्धि का आविष्कार किस मनोवैज्ञानिक ने किया –टर्मन

बुद्धि-परीक्षण सबसे पहले किसने तैयार किया – बिनेसाइमन

प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशालाकी स्थापना कसने की थी – वुण्ट

मानसिक परीक्षण शब्द का प्रयोग सबसे पहले किसने और कब किया – केटल,1890

बुद्धि-लब्धि निकलने की विधि किसने दी – टर्मन

स्टेनफोर्ड बिने परीक्षण का विकास किस देश में किया गया –अमेरिका

बुद्धि के द्विकारक का सिद्धान्त किसने दिया – स्पीयरमैन

“सीखने की शक्ति ही बुद्धि है” कथन है – बकिंघम

“अमूर्त वस्तुओं के विषय में सोचने की योग्यता बुद्धि है।” कथन है – टर्मन

“बुद्धि 18-वर्ष की आयु पर अपने अधिकतम सीमा तक पहुँच जाती है।” कथन है – थार्नडाइक

“बुद्धि केवल 14-वर्ष की आयु तक ही बढ़ता है।” कथन है – स्पीयरमैन

About Vishnu Nambiar

मैं विष्णु नांबियार हूं और मैं इस ब्लॉग का मालिक और मुख्य सामग्री लेखक हूं। मैं शिक्षा उद्योग में सभी नवीनतम अपडेट जैसे परीक्षा, कॉलेज, पाठ्यक्रम आदि साझा करता हूं। मैं केरल का एक प्रमाणित और पेशेवर करियर परामर्शदाता और ब्लॉगर हूं।

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